पिशाच योग...
यदि लग्न में शनि व राहु की युति हो तो ऐसे व्यक्ति के ऊपर तांत्रिक क्रियाओं का अधिक प्रभाव रहता है तथा ऐसे व्यक्ति हमेशा चिंतित रहते हैं और इनके मस्तिष्क में नकारात्मक विचार सबसे पहले आते हैं साथ ही ऐसे व्यक्तियों को कोई न कोई रोग निरंतर बना रहता है।
शनि व राहु की युति मे व्यक्ति के घर वाले ही उसके शत्रु रहते हैं तथा इनको हर कार्य में बाधाओं का सामना करना पड़ता है और इनकी वाणी में भी दोष रहता है.
साथ ही धन संचय में कठिनाई, जुए-सट्टे आदि में धन हानि होती रहती है तथा ऐसे व्यक्ति नशीले पदार्थों या तामसिक पदार्थों का सेवन करने का लत लग जाता हैं।
इसके साथ साथ शनि व राहु की युति हो तो देखा गया है कि ऐसे व्यक्ति अधिकतर खुद मे सीमित रहते हैं,
इस युति वाले व्यक्तियों का छोटा भाई नही होता या छोटे भाई को किसी प्रकार कोई कष्ट रहता है कहने का आशय यह है पिशाच योग छोटे भाई के सुख की हानि करता है साथ ही ऐसे व्यक्तियों को समय-समय पर भारी उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है,
साथ ही यदि पंचमेश पर भी शनि या राहू की या दोनों की दृष्टि हो या युति हो तो ऐसे व्यक्तियों को संतान नहीं होती या कहने का आशय यह है कि ऐसे व्यक्तियों को संतान सुख प्राप्त नहीं होता है।