प्रेम विवाह

हमारे भारतीय समाज प्रेम विवाह को उतनी स्वतंत्रता के साथ लोग स्वीकार नहीं कर पाते. बात करें पढ़ें-लिखे व वक़्त के साथ बदलती सोच वाले लोगों की तो ऐसे लोगों के लिय प्रेम विवाह अब मुद्दा नहीं रहा। लेकिन आज भी बहुत से मध्यम वर्ग के परिवार में माँ-बाप अपने बेटी-बेटा के लिए खुद ही उसका जीवन-साथी देखते हैं। शादी बनाने के लिए जन्म-कुंडली इत्यादि सब देखा जाता है। पर इन सबके बावजूद भी कहीं-न-कहीं लड़का-लड़की के मन में हज़ार सवाल घूमते हैं। ऐसे मे बहुत से वो भी होते है जो अपनी प्रेम विवाह की सफलता के लिए दुआएं कर रहे होते हैं। तो अगर आप भी उनमें से है जो ये सोचता है कि आखिर क्या उपाय किया जाये की आपका प्रेम विवाह कामयाब हो जाये। तो चलिये इस मुद्दे पर हम आपको कुछ उपाय बताते है जिन्हें करने से आपको इसमें सफलता मिलेगी। आप सर्व प्रथम पूजन सामग्री लेकर समुचित व्यवस्था करके आवाहन, स्नान, पूजन करके आप अपने प्रेमी को लेकर मन मे सही विचार रखते हुए “’ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः’” मंत्र का जाप करें ।जाप शुरू करने से पहले भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की मूर्ति या फिर उनकी फोटो अपने सामने रखले और जाप के लिए स्फटिक माला का प्रयोग करें. साथ ही ध्यान रखे शुक्ल पक्ष के गुरुवार को इस मंत्र का जाप शुरू करें। ऐसा करने से आप उस इंसान को अपनी ओर आकर्षित कर पाएंगे ।जिनके साथ प्रेम विवाह करना चाहते है। एक दूसरा मंत्र भी है, जिसका जाप शुरू करने से पहले अपने प्रेमी या प्रेमिका का ध्यान मन में रखते हुए, भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते हुए इस मंत्र का जाप शुरू करें ,जोकि है: “”केशवी केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता, रूद्र रूपा रूद्र मूर्ति: रूद्राणी रूद्र देवता.“” ऐसा करने से प्रेम विवाह में सफलता मिलती है। हर शुक्रवार के दिन आप राधा-कृष्ण की प्रतिमा के सामने बैठकर ऊपर बताए मंत्र का 108 बार जाप करें। तीन माह तक ऐसा करने पर आपको इसका असर दिखने लगेगा व प्रेम-विवाह में आने वाले तमाम परेशानियां दूर होने लगेंगी । हम सभी ने ये अवश्य ही देखा है कि जो लोग प्रेम विवाह की मनोकामना रखते है, हर यथा संभव कोशिश करते हैं कि उनके परिवार वाले मान जाये या फिर कुंडली मे बने खराब योग को किस प्रकार ठीक किया जा सके. ऊपर हमने आपको कुछ मंत्र भी बताए है, जिसकी मदद से प्रेम विवाह मे अवश्य सफलता मिलेगी। इसके अलावा आखिर कैसे जन्म कुंडली के मदद से आप जानते है कि प्रेम विवाह का योग बन रहा है या नहीं. तो बता दें कि आपकी कुंडली का पंचम एवं सप्तम भाव प्रेम विवाह में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं ।पंचमेश एवं सप्तमेश की युति का पंचम या सप्तम भाव में होना या फिर दोनों का राशि परिवर्तन करना, प्रेम विवाह की संभावना दर्शाता है. इसी तरह, लग्नेश एवं सप्तमेश का स्थान बदलना भी प्रेम विवाह का कारण होता है। आपकी कुंडली अगर ये दिखाती है कि आपके लग्न मे लग्नेश व चन्द्रमा है- तो यही आपका प्रेम विवाह होगा। अगर सप्तम में सप्तमेश व चन्द्रमा होता है तो भी प्रेम विवाह हो सकता है. आप प्रेम विवाह की सफलता के लिए आप कुछ अन्य उपाय भी कर सकत है जैसे की शुक्र देव की पूजा करना न भूले, साथ ही पंचमेश एवं सप्तमेश की भी पूजा करते हुए आप एक पंचमेश रत्न धारण करें। अगर कहीं आप भी अपने प्रेम-विवाह की सफलता को लेकर असमंजस मे फंसे हैं, तो यकीनन ऊपर बताए गए उपाए व मंत्रों की मदद से आपको समाधान मिलेगा और आप अपने प्रेमी के साथ एक सुनहरी ज़िंदगी जीने के सपने को साकार कर सकेंगे । :-आचार्य दीपचन्द्र पाण्डेय